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Class 9 full study material

 #918052021 /srajedupoint@gmail.com

Sraj edu. point (directed by shubham dwivedi)

Class :-9

Chapter:-1

Matter in our surroundings.


Summary discussion सारांश चर्चा।

Matter is made up of small particles.

द्रव्य सूक्ष्म कणों से मिलकर बना होता है।

सबसे पहले तो हम ये समझ ले की द्रव और द्रव्य अलग अलग है ,अब आपका सवाल होगा कैसे तो मैं आपको बता दूं कि पहले द्रव का मतलब पदार्थ की अवस्था से और दूसरे का मतलब ही पदार्थ है जैसे समानार्थी शब्द नही होते ठीक उसी प्रकार से ।

अब एक उदाहरण लेते है इस लाइन को समझने के लिए जैसे की रोटी तो पहले कुछ क्वेश्चन से इसकी शुरुआत करते है अब आप ये बताइए की रोटी बनती किन किन चीजों से है तो आप कहेंगे पानी और आटे से फिर तो ठीक पदार्थ भी बहुत ही छोटे छोटे कण से मिलकर बने होते है इतने छोटे होते हैं की हम उन्हे अपनी साधारण आंखों से नही देख सकते इसके लिए माइक्रोस्कोप की आवश्यकता होगी।

The matter around us exists in three states- solid, liquid and gas.

हमारे आस-पास द्रव्य तीन अवस्थाओं में विद्यमान होता है: ठोस, द्रव और गैस । 

इसे समझने के लिए आप उदाहरण का इस्तेमाल करे जैसे की ठोस से याद रख ले ईंट जैसा सख्त कोई चीज और द्रव के लिए पानी और गैस के लिए हवा याद रख सकते है इससे आपको समझने में काफी आसानी मिलेगी

The forces of attraction between the particles are maximum in solids, intermediate in liquids and minimum in gases. 

ठोस के कणों में आकर्षण बल सबसे अधिक, गैस के कणों में सबसे कम और द्रव के कणों में इन दोनों के मध्यवर्तीय होते हैं।



यदि हम ठोस की बात करे तो हमे ये समझना जरूरी हो जाता है कि आकर्षण बल क्या होता है और यह काम कैसे करता है तो आपके समझने के लिए हम एक आसान सा उदाहरण लेते है जैसे की चुंबक जैसे एक चुंबक दूसरे चुंबक या लोहे के टुकड़े को अपनी तरफ खींच लेता है ठीक उसी प्रकार यह पदार्थ के कण भी ऐसी ही एक आकर्षण बल की मदद से दूसरे कण को अपनी तरफ बहुत ही सख्ती से खींचे हुए है यही कारण है की इनका आकार और आयतन निश्चित होता है,इसी के ठीक विपरीत देखे तो गैस अवस्था में इनके आकर्षण बल में कमी देखने को मिलती है जिसकी वजह से उनके कणों के बीच काफी स्थान देखने को मिलता है और द्रव के अंदर मध्यम आकर्षण होता है जिसकी वजह से इसका आकार निश्चित  नहीं होता पर आयतन पर इसका प्रभाव नही पड़ता वो स्थिर ही रहता है।

The spaces in between the constituent particles and kinetic energy of the particles are minimum in the case of solids, intermediate in liquids and maximum in gases.

ठोस के कणों में ठोसों को निहित करने वाले कणों के बीच का रिक्त स्थान और गतिज ऊर्जा न्यूनतम, गैसों के लिए यह अधिकतम किंतु द्रवों के अंदर मध्यवर्तीय है।

The arrangement of particles is most ordered in the case of solids, in the case of liquids layers of particles can slip and slide over each other while for gases, there is no order, particles just move about randomly.


The states of matter are inter-convertible. The state of matter can be changed by changing temperature or pressure.

Sublimation is the change of solid state directly to gaseous state without going through liquid state.

Deposition is the change of gaseous state directly to solid

state without going through liquid state.

Boiling is a bulk phenomenon. Particles from the bulk (whole) of the liquid change into vapour state.

Evaporation is a surface phenomenon. Particles from the surface gain enough energy to overcome the forces of attraction present in the liquid and change into the vapour state.

The rate of evaporation depends upon the surface area exposed to the atmosphere, the temperature, the humidity and the wind speed.

Evaporation causes cooling.

Latent heat of vaporisation is the heat energy required to change 1 kg of a liquid to gas at atmospheric pressure at its boiling point.

Latent heat of fusion is the amount of heat energy required to change 1 kg of solid into liquid at its melting point.
द्रव्य सूक्ष्म कणों से मिलकर बना होता है।

हमारे आस-पास द्रव्य तीन अवस्थाओं में विद्यमान होता है: ठोस, द्रव और गैस । ठोस के कणों में आकर्षण बल सबसे अधिक, गैस के कणों में सबसे कम और द्रव के कणों में इन दोनों के मध्यवर्तीय होते हैं।

ठोस के कणों में ठोसों को निहित करने वाले कणों के बीच का रिक्त स्थान और गतिज ऊर्जा न्यूनतम, गैसों के लिए यह अधिकतम किंतु द्रवों के ि मध्यवर्तीय है।

ठोसों के लिए उनके कणों की व्यवस्था अत्यधिक क्रमित होती है। द्रवों में कणों की परतें एक-दूसरे पर से फिसल व स्खलित हो सकती हैं, गैसों में कोई क्रम नहीं होता और इनके कण अनियमित रूप से विचरण करते हैं।

 पदार्थ की अवस्थाएँ अंत:परिवर्तित होती हैं। पदार्थ की अवस्थाओं में परिवर्तन ताप और दाब में परिवर्तन से किया जा सकता है।

ऊर्ध्वपातन प्रक्रम में ठोस पदार्थ द्रव में परिवर्तित हुए बिना ही सीधे गैसीय अवस्था में आ जाता है।

निक्षेपण प्रक्रम में गैसीय पदार्थ सीधे ठोस अवस्था में आ जाता है। क्वथनांक की समष्टि परिघटना जिसमें समष्टि के कण द्रव अवस्था से वाष्प में परिवर्तित होते हैं।

वाष्पीकरण एक सतह की परिघटना है। सतह के कण पर्याप्त ऊर्जा ग्रहण कर उनके बीच के परस्पर आकर्षण बलों को पार कर लेते हैं और द्रव को वाष्प अवस्था में परिवर्तित कर देते हैं

वाष्पीकरण की गति निम्नलिखित कारकों पर निर्भर करती है: सतही क्षेत्रफल जिसका वायुमंडल के प्रति परित्याग होता है, तापमान, आर्द्रता और वायु की गति । वाष्पीकरण से ठंडक उत्पन्न होती है।

वाष्पीकरण की गुप्त ऊष्मा ताप की वह मात्रा है जो 1 kg द्रव को वायुमंडलीय दाब और द्रव के क्वथनांक पर गैसीय अवस्था में परिवर्तन करने हेतु प्रयोग होती है।

संगलन की गुप्त ऊष्मा ऊर्जा की वह मात्रा है जो 1 kg ठोस को वायुमंडलीय दाब पर ठोस को उसके संगलन बिंदु पर लाने के लिए प्रयोग होती है।


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